आजकल देवी मॉओं का चलन कुछ ज्यादा ही देश में चल गया है । तरह तरह की स्त्रियॉ बड़ी बड़ी कारों में मातारानी बनकर घूम रही हैं ।
यद्यपि भगवती देवी किसी महिला में अवतरित हैं या फिर कोई अन्य देवशक्तियॉ अवतरित हैं तो वे महिलाविशेष देवी की उपस्थिति के कारण देवी रूप में सम्मान्य है , किन्तु ये भी पहले स्पष्ट हो कि किस महिला में देवी का अवतरण है , किस में नहीं, इसके लिये मार्गरहता है कि उनके कहे हुए भविष्यसूचक वचनों का असाधारणरूप में फलित होना या फिर आपको ही स्वयं कोई दैवीय साक्षात्कारपूर्वक इसका ज्ञान हुआ हो । अतः हिन्दुओं को बहुत सावधान इस विषय में रहने की आवश्यकता है ।
धर्मानुसार कौन है माता ?
यद्यपि समस्त स्त्रियॉ भगवती की ही विविध भेद-कलाऐं हैं , किन्तु हरेक स्त्री को माता नहीं कहा जा सकता । सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार हर किसी भी वर्ण की महिलाऐं समाज की माता बनने का अधिकारिणी नहीं होतीं , वरन् कुलीन ब्राह्मणी स्त्री ही सभी अन्य वर्णों के हिन्दुओं के लिये मातास्वरूपा है एवं अपनी माता तो सबके लिये प्रत्यक्ष माता है ही ।
इसलिये किसी को मानवीय रूप में ही मातारानी को कुछ भेंट करने की कामना हो तो कुलीन ब्राह्मण कुलों की महिलाओं को अन्न- वस्त्र आदि दान देना चाहिये ।
।। जय श्री राम ।।
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