बोधक लेख------
बाल कटवाना, नाखून काटना अथवा हजामत बनवाना आदि "क्षौर कर्म" कहलाते हैं -
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"भानुर्मासं क्षपयति तथा मार्तण्डूनु -
भौमश्चाष्टौ वितरति शुभान् बोधन: पञ्चमासान् !
सप्तैवेन्दुर्दश सुरगुरू: शुक्र एकादशेति
प्राहुर्गर्गप्रभृतिमुनय: क्षौरकार्येषु नूनम् !!
-'वाराह संहिता'
अर्थात: रविवार को क्षौर कर्म कराने से एक मास की, शनिवार को सात मास की, भौमवार(मंगलवार) को आठ मास की आयु को, उस-उस दिन के अभिमानी देवता क्षीण कर देते हैं !
इसी प्रकार बुधवार को क्षौर कर्म कराने से पांच मास की, सोमवार को सात मास की, गुरीवार को दस मास की और शुक्रवार को ग्यारह मास की आयु की उस उस दिन के अभिमानी देवता वृद्धि करते हैं ! पुत्रेच्छु(पुत्र की इच्छा रखने वाला) ग्रहस्थों एवं एक पुत्र वाले को सोमवार को तथा विद्या एवं लक्ष्मी के इच्छुक को गुरूवार को क्षौर कर्म नहीं कराना चाहिए !
इसके अतिरिक्त'एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, व्यतिपात, विष्टि(भद्रा), व्रत के दिन एवं मंगलवार तथा शनिवार को क्षौर कर्म वर्जित हैं !
इसके प्रत्येक दिन क्षौर कर्म कराने से भिन्न-भिन्न फलों की प्राप्ति होती है -
* सोमवार के दिन बाल या नाखून आदि कटवाना संतान तथा स्वास्थ्य हेतु शुभ नहीं माना जाता !
* मंगलवार को दाढ़ी एवं नाखून आदि कटवाने से आयु क्षीण होती है !
* बुधवार को बाल एवं नाखून आदि कटवाने से बरकत होती है !
* गुरूवार को बालादि कटवाने से मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा की हानि होती है और धन हानि भी होती है !
* शुक्रवार को बाल कटवाने से धन लाभ तथा यश प्राप्ति होती है !
* शनिवार को बाल कटवानेे से 'अकाल मृत्यु' की सम्भावना बलवती होती है !
* रविवार को बाल कटवाने से धन, बुद्धि तथा धर्म का नाश होता है !
जय श्री राम
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