#मन्दिर_ध्वस्तीकरण_का_सत्य -------
देश के किसी भी मन्दिर पर पहला और आखिरी सबसे घातक विध्वंसक प्रहार उस दिन होता है , जिस दिन उसमें स्पर्शास्पर्श की मर्यादा लांघ दी जाती है तथा उसके पुरोहित शौच, संध्या, आहार विहार आदि से सम्बद्ध वैदिक मर्यादाओं से भ्रष्ट हो कर असुर हो जाते हैं । क्योंकि शास्त्रीय विधि निषेधों की धज्जियॉ उड़ाये जाने के बाद तो वो मन्दिर शिष्टों का दर्शनीय मन्दिर रह ही नहीं जाता ।
जिस मन्दिर के गर्भगृह में वर्णाश्रम सदाचार की मर्यादा ध्वस्त कर दी गयी हो , क्या वह मन्दिर ध्वस्त नहीं है ?
विचार कीजिये , धर्मजिज्ञासु बन्धुओं ! कि वर्तमान् समय में कितने मन्दिर ध्वस्त किये जा चुके हैं देश में ? और कितने प्रतिदिन किये जा रहे हैं, और कौन हैं उसके दोषी ? और कितने लोग हैं , जो इस सबसे घातक प्रहार के विरुद्ध आवाज उठाते हैं ?
कौन लोग हैं देश में, जो मन्दिरों के नाम पर मात्र अपनी राजनीति चमकाते हैं और कौन लोग हैं देश में, जिनको मन्दिरों की वास्तव में चिन्ता है , आज विचार करने की आवश्यकता है ।
।। जय श्री राम ।।
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