Friday, 24 May 2019

मन्दिर

#मन्दिर_ध्वस्तीकरण_का_सत्य -------

देश के    किसी भी मन्दिर  पर पहला  और आखिरी   सबसे घातक  विध्वंसक प्रहार उस दिन होता है , जिस दिन उसमें स्पर्शास्पर्श की मर्यादा लांघ दी जाती है  तथा  उसके  पुरोहित   शौच, संध्या, आहार विहार   आदि  से सम्बद्ध   वैदिक मर्यादाओं  से  भ्रष्ट हो कर   असुर हो जाते हैं ।    क्योंकि   शास्त्रीय  विधि निषेधों  की  धज्जियॉ  उड़ाये  जाने के   बाद  तो  वो  मन्दिर   शिष्टों  का दर्शनीय   मन्दिर रह ही  नहीं  जाता ।

जिस मन्दिर  के  गर्भगृह में  वर्णाश्रम सदाचार की मर्यादा ध्वस्त कर दी गयी हो  , क्या वह मन्दिर ध्वस्त नहीं  है  ?

विचार कीजिये ,  धर्मजिज्ञासु बन्धुओं !   कि  वर्तमान्  समय में  कितने मन्दिर  ध्वस्त किये जा चुके  हैं देश में ? और   कितने  प्रतिदिन किये  जा  रहे हैं,      और  कौन हैं उसके  दोषी ?   और कितने लोग हैं ,   जो  इस सबसे घातक प्रहार के विरुद्ध  आवाज उठाते  हैं ?

कौन लोग हैं   देश में,   जो  मन्दिरों  के नाम पर    मात्र अपनी राजनीति  चमकाते हैं   और  कौन लोग हैं   देश में,   जिनको  मन्दिरों  की   वास्तव में चिन्ता  है  ,  आज विचार करने  की  आवश्यकता है ।

।। जय श्री राम ।।

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