जो लोग कहते हैं पण्डितों ने देश पर राज किया - वे ये बतायें सतयुग से लेकर आज तक के इतिहास में भारत में कितने पण्डित राजा बने ?
जो ये कहते हैं कि राजसत्ता पण्डितों की गुलाम थी , वे हमें ये बतायें कि राम राजा न बन कर वनवासी बने , क्या इसमें वशिष्ठ ऋषि की मनमानी थी ? ( वशिष्ठ ऋषि से पूछकर कैकेयी ने राजा दशरथ से हठ नहीं किया ! )
महाभारत का ऐतिहासिक युद्ध हुआ , क्या इसमें वेदव्यास ऋषि की मनमानी थी ? ( वेदव्यास से पूछकर धृतराष्ट्र ने दुर्योधन का पक्ष नहीं लिया ! )
चाणक्य का भरी सभा में अपमान हुआ , क्या ये चाणक्य की जी हजूरी थी ?
पण्डित (ब्राह्मण) संसार के सुख वैभव से दूर रहकर साधना तपस्या में लीन रहने वाली जाति रही है ।
पण्डित उस दीपक की तरह है , जो मार्गदर्शन करता है उसका, जो उसे अपनी हथेली में उठाता है । पण्डित तो प्रकाश का नाम है ।
पर उसे उठाना उसकी मर्यादा से ही है , वरना जो दिया (दीपक) प्रकाश देने की क्षमता रखता है , वही अमर्यादा पर जला कर राख भी कर सकता है !
।। जय श्री राम ।।
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