[3/22, 12:03 PM] शास्त्री पुलकित: समय ६ से १० बजे तक -
दिशा - उत्तर पश्चिम
को ॐ नम आदिरूपाय अमुकस्याकर्षणं कुरु कुरु स्वाहा - मंत्र के १०००० जप करें
बाद में सोम या गुरुवार को इसी समय और दिशामें मूँह कर भोजपत्रपर -- केसर की स्याही बनाकर दूब की जड से "ॐ नम आदिरूपाय (अभिष्ट व्यक्ति का नाम षष्ठ्यन्त) आकर्षणं करु कुरु स्वाहा " लिख कर
खैर की लकड़ी जलाकर उन्हीं अंगारो पर तपातें हुएँ -- ॐ नम आदिरूपाय (अभिष्ट व्यक्ति का नाम षष्ठ्यन्त) आकर्षणं करु कुरु स्वाहा"
१०८ वार मंत्र पढैं..
दूसरे भोजपत्र पर इस प्रकार मंत्र लिखकर शहद की बोतल में डूबों दे..
और इसी समय में -- जो व्यक्ति भागगया उनका पहना हुआ कोई भी वस्त्र भारी वजन के नीचे उनके घर में दबाने को कहें...
[3/22, 12:03 PM] शास्त्री पुलकित: मंत्रविधान किसी को बतायें नहीं,,
[3/22, 12:04 PM] शास्त्री पुलकित: स्वयं से दुरुपयोग न हो ध्यान रखे
[3/22, 12:17 PM] शास्त्री पुलकित: यह अनुभूत हैं --> कृष्णधतूरपत्र के रस में केसर मिलाकर भोजपत्रपर सनामषष्ठ्यन्त गर्भ मंत्र लिखकर खादिर के अंगारे पर तपायें...
[3/22, 12:18 PM] शास्त्री पुलकित: और - सफेदकनेर की लेखिनी ले -- धतूर वाले में
[3/22, 12:19 PM] शास्त्री पुलकित: यस्मै कस्मै न दातव्यं देवानामपि दुर्लभम्
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