Tuesday, 17 July 2018

मूर्ति महत्व

जड़ मूर्ति में अज्ञान से चेतन परमात्मा का आरोप नहीं, वस्तुतः सर्वव्यापी ईश्वरचैतन्य में ही अज्ञान से परिच्छिन्नत्व, जड़त्व, मृन्मयत्व इत्यादि का आरोप होता है ; इसलिए मूर्ति की पूजा होती ही नहीं, ईश्वर की ही पूजा होती है सर्वत्र ; फिर भी कहे कि मूर्ति को ईश्वर मानना भ्रम है तो जैसे #विसंवादी_भ्रम में मणि की प्रभा को भ्रम से मणि समझकर अंत में मणि की प्राप्ति होती है , वैसे यहाँ भी मृन्मय मूर्ति को ईश्वर मानकर पूजा करने से चिन्मय ईश्वर का बोध होना संभव हैं

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