Saturday, 26 May 2018

आधुनिक भक्तिवादी का भ्रम उच्छेद

अपने को भक्त बताने वाले    आधुनिक भक्तिवादी सुनें-

भगवान् ने कहा है -
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श्रुतियॉ और स्मृतियॉ - मेरी  ही आज्ञाऐं हैं , जो इनको उल्लंघन करके चलता  है, वह न मेरा भक्त है,  न वैष्णव ।

भगवान् का  आदेश -
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मेरा भक्त  अपनी शाखा के गृह्यसूत्र की विधि के अनुसार उपनयन-संस्कार के अनन्तर द्विजत्व प्राप्त कर भक्तिपूर्वक अपने शुद्ध  कुलीन ब्राह्मण  सद्गुरु के पास जाये, और उनसे मन्त्र ग्रहण करे ।

और फिर   विधिवत् शास्त्रोक्त नित्यकर्म करके  उन गुरुदेव की बतायी हुई विधि से अपने हृदय में, अग्नि में, प्रतिमा  आदि में अथवा सूर्य में  केवल   मेरी ही सेवा -पूजा करे । अथवा  शालग्राम-शिलामें ही मेरी उपासना करे ।

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#नित्यकर्मों की जानकारी हेतु पढें - #नित्यकर्म_पूजाप्रकाश (गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित)

साभार - आदि शंकराचार्य संदेश
।। जय श्री राम ।।

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