Sunday, 27 May 2018

श्राद्ध का महत्व

#श्राद्ध_का_महत्त्व-

#शंका -
मनुष्य जैसा कर्म करता है, वैसा ही उसका अगला जन्म होता है ।   अतः यदि  हमारे पिता पूर्वज  पितृलोक में जाकर  पितर हुए  ही नहीं  , अपितु किसी अन्य योनि में चले गये , तब क्या होगा ? श्राद्ध करना तो व्यर्थ हुआ !

#उत्तर - श्राद्ध रामबाण की तरह होता है, वह कभी व्यर्थ नहीं होता ।

यदि आपके पिता देवता बन गये हैं तो श्राद्ध का अन्न उन्हें अमृत के रूप में परिणत होकर मिलेगा ,

यदि गन्धर्व बन गये तो नानाभोगों के रूप में प्राप्त होगा,

यदि  पशु बन गये होंगे, तो तृण के रूप में प्राप्त होगा,

यदि नागयोनि में  होंगे तो  वायुरूप में प्राप्त होगा ,

यदि  राक्षस बन गये होंगे तो आमिष के रूप में मिलेगा,

यदि दानवयोनि में होंगे तो मांस के  रूप में मिलेगा ,

और यदि मनुष्य बन गये होंगे तो विविध प्रकार के भोग्य रसोंके  रूप में  परिणत होकर श्राद्ध का अन्न आपके पिता पूर्वजों को मिलेगा ।

अतः श्राद्ध अवश्य करें ।

साभार - आद्यशंकराचार्य संदेश
।। जय श्री राम ।।

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