चिन्ता मत करो हिन्दुओं💆 !
आपके स्वनामधन्य कथित धर्माचार्य मौन इसलिये हैं क्योंकि वे 👉 राजनीतिक कठपुतलियॉ👈 मात्र हैं । धर्म बोले तो बिजनेस !✔️ वो उनका परिश्रम है । आज की यही परिभाषा है , समझे क्या !
.............और बिजनेस में एक कुशल व्यापारी तभी बोलता है जब 👉 उसे अपना कोई घाटा 👈 दीखता है !
................तुम स्वयं ही सोये थे , तो उन्होंने तुम्हारे घोड़े बेचने ही थे । 👏 अब यहॉ अपने उस व्यस्त जीवन का बहुमूल्य समय निकालकर फेसबुक पर शोर मचाने से क्या होगा, जिसमें तुम धर्मसेवा को पहले ही बहुत दूर छोड़ आये हो ?🙏
..............आपको शान्ति तो चाहिये थी पर त्याग नहीं , पर आप बहुत भारी भूल कर गये क्योंकि 👉 त्याग👈 ही शान्ति का मार्ग था ।☝️
इसलिये ब्राह्मण को अपना जीवन कभी धर्म से दूर रखने की भूल नहीं करनी चाहिये ,🙏 क्योंकि वो जन्मजात धर्म की ही शाश्वत मूर्ति होता है ,🙏 ..............मिट्टी छूटती है तो नाश घड़े का ही होता है ।☝️👈👈👈
।। जय श्री राम ।।
No comments:
Post a Comment