Sunday, 13 May 2018

सनातन सब का कल्याण करता है

सनातन धर्म में अधर्मी दुष्टों के भी हित की भावना है (सर्वे भवन्तु सुखिनः)  .......

...........इसीलिये  सनातन धर्म कहता है,  उनको   यथायोग्य दण्डित अवश्य  किया जाये  ।

क्योंकि सनातन धर्म ये मानता है कि पाप  जीव को सुखी नहीं करता , वरन् धर्म ही सुखी करता है ।

सनातन धर्म अधर्मी को धर्मी बनाकर ही छोड़ता है ,  या प्यार से या फिर मार से ,

हो सके तो   इसी जन्म में बने ,  अन्यथा  अपराधी का  सीधे अगले जन्म  का टिकट काट  दिया जाता है  , एक  उत्तम आशा सहित ।
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सनातन धर्म की भावना है कि अधर्मी स्वयं सुधर जायें , अन्यथा वह तो है ही सुधारने के लिये ।

आत्मवानों का अनुशासन गुरु करता है ।

दुष्टों का अनुशासन राजा करता है ।

गुप्त पापियों का अनुशासन यम करता है ।

सबका अनुशासन ईश्वर करता है ।

(सनातन धर्म = #अनुशासन  )
साभार - आद्यशंकराचार्य संदेश
।। जय श्री राम ।।

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