Saturday, 19 May 2018

क्या अंगदान उचित है ?

क्या मृत्यु के बाद नेत्रादि अंगदान आदि उचित है ?

#उत्तर - कदापि नहीं ।   दधीचि ऋषि , राजा शैब्य या फिर  राजा अलर्क आदि  ने जीवितावस्था में अपना देह अथवा अंग दान किया था ।

#पुरुषाहुतिर्ह्यस्य_प्रियतमा  इत्यादि वचनों के अनुसार अग्नि में शव की  आहुति दी जाती है  #सूर्यं_ते_चक्षुर्गच्छतु आदि भी वाक्य हैं  हवनीय द्रव्य शव में अग्नि का अधिकार होने से उसे बुद्धिपूर्वक व्यङ्ग करने का  कोई औचित्य नहीं है ।

शव का कोई अंग काटने से अगले जन्ममेंजीवको वो अंग नहीं मिलता । इसी रीति से  शव में शल्य कार्य (पोस्टमार्टम) भी अशास्त्रीय. होने से  सर्वथा अनुचित  है ।

।। जय श्री राम ।।

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