*#न_शिखिनोपवीती_स्यान्नोच्चरेत्संस्कृतां_गिरम् ||श्री आद्य शंकाराचार्यकृत विष्णु सहस्र भाष्ये ||*
शूद्र को न तो शिखा न उपवीती-जनेऊ - न संस्कृत वाणी का उच्चारण करना चाहिए |
शास्त्र प्रमाण:- उष्णीषो कञ्चुकी चात्र मुक्तकेशी गलावृतः । प्रलपन् कम्पनश्चैव तत्कृतो निष्फलो जपः ॥ अर्थात् - पगड़ी पहनकर, कुर्ता पहनकर, नग...
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