*#न_शिखिनोपवीती_स्यान्नोच्चरेत्संस्कृतां_गिरम् ||श्री आद्य शंकाराचार्यकृत विष्णु सहस्र भाष्ये ||*
शूद्र को न तो शिखा न उपवीती-जनेऊ - न संस्कृत वाणी का उच्चारण करना चाहिए |
'ज्ञ' वर्ण के उच्चारण पर शास्त्रीय दृष्टि- संस्कृत भाषा मेँ उच्चारण की शुद्धता का अत्यधिक महत्त्व है। शिक्षा व व्याकरण के ग्रंथोँ म...
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