Thursday, 9 November 2017

सावधानी_हटी , #दुर्घटना_घटी -


जो लोग  किसी स्त्री के सौन्दर्य आदि के मोह में पडकर  अपनी जाति परम्परा में विवाह नहीं करते , मनमर्जी  से किसी को भी मनपसन्द करके  शादी करके लाते  हैं , उनकी करनी का फल -

पितृलोक के उनके पितरों का हो जाता है  अधःपतन  !

उसकी होने वाली  सन्तानें जातिभ्रष्ट,   वर्णसंकर  हो जाती हैं !

उसका वंश एक न एक दिन  समाप्त हो जाता है !

उसकी सन्तानें  अपनी वैदिक परम्परा के उन अधिकारों से वंचित हो जाती हैं , जो सृष्टि के आदि में स्वयं ब्रह्मा जी ने उसके वंश को प्रदान किये थे ,  जिससे उन सन्तानों की भी अधोगति होती है!

उसके सारे कुल का नरक जाना  निश्चित हो जाता है !

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तुम्हारी मर्यादानाशिनी  मनमर्जी से #धर्म का कुछ नहीं  बिगडेगा ,  (धर्मस्य प्रभुरच्युतः)  तुम्हारा ही सब  बिगडेगा !  यही है सृष्टि की अटल नियम !

इसलिये इस भारी भूल  से बचो  और बचाओ!  ईश्वर के बताये  शास्त्रों / विधि -  विधानों को मान दो ! 

धर्म का तत्त्व बहुत सूक्ष्म होता है ,  दम्भ, अभिमान और निजी कपोल कल्पना से   सनातन वैदिक   धर्म  की मनगढन्त  व्याख्या करके अपनी दुर्बुद्धि को चरितार्थ मत करो !

।। जय श्री  राम ।।

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