पूजा के पाँच प्रकार-
#अभिगमन_उपादान_योग_स्वाध्याय_और_इज्या।
#अभिगमन-देवताओं के स्थान को साफ़ करना लीपना निर्माल्य हटाना ।
#उपादान- गंध पुष्प आदि पूजा-सामग्री संग्रह करना।
#योग- इष्टदेव की आत्मरूप से भावना करना।
#स्वाध्याय- मन्त्रार्थ-अनुसन्धान करते हुए जप करना सूक्त स्तोत्र आदिका पाठ करना गुण नाम लीला आदि का कीर्तन करना और वेदान्तशास्त्र आदि का अभ्यास करना।
#इज्या-उपचारों द्वारा अपने इष्टदेव की पूजा करना।
ये पांच प्रकार की पूजा क्रमशः-सार्ष्टि,सामीप्य,सालोक्य,सायुज्य और सामीप्य-मुक्ति देने वाली हैं।
विस्तृत जानकारी के लिए हमें योग्य आचार्य जी का शरण-ग्रहण कर लेना चाहिए और उनके निर्देशानुसार आराधना करनी चाहिए।
||जय श्री राम||
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