Wednesday, 29 November 2017

व्यक्ति की पहचान उसके कर्म से होती है

व्यक्ति की पहचान उसके  किये जाने वाले कर्म  कराते  हैं , कि  वह  व्यक्ति है क्या !  इसलिये एक व्यक्ति के व्यक्तित्व को उसके कार्यों से  समझना  चाहिये ,  अन्यथा  वाणी तो  छलिये,  स्वार्थी और षडयन्त्रकारी  भी  बहुत अच्छी बोल लेते हैं ।

व्याध बहुत सुन्दर तन्त्री  बजाता  है , जिससे मृग मुग्ध होकर उसके पास आता है ।  पर  इस तन्त्रीवादन   के बल पर जब वह उस   मुग्ध मृग को बॉधकर उसकी हत्या करता है , तब उसके  नीच /पापी  होने की सिद्धि होती है ।

।। जय श्री राम  ।।

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