Monday, 13 November 2017

सन्यास कैसे व किसे लेना चाहिए ?

रविश कुमार जन्म से ब्राह्मण है ...क्या इनको सन्यास का अधिकार है ?

#उत्तर -  क्या बात कर दी आपने ,  आप पहले ये पता कीजिये कि रवीश कुमार शुद्ध ब्राह्मण  है या अनुलोम संकर ब्राह्मण या तदन्य  ।  क्योंकि ब्राह्मण  का उपनाम ( पाण्डे , शर्मा आदि)  होने से  कोई   शुद्ध ब्राह्मण नहीं होता ।  यह तो अनुलोम संकर ब्राह्मण का भी एक जैसा ही होता है । अनुलोम में भी  कुलीन है या पतित - ये भी देखा जाता है !     क्योंकि  कुलीन अनुलोम संकर ब्राह्मण भी बहुत उत्कृष्ट संस्कारसम्पन्न होते हैं ।

यदि ये शुद्ध ब्राह्मण होता तो कभी इसके मुख से  अधर्म वाक्य  निकलता ही नहीं , इतने से ही स्पष्ट है कि ये क्या है !  व्यक्ति का गुण , कर्म और स्वभाव उसकी जाति का परिचय स्वतः करा देता है !

ये तो हुई जाति की बात ।

अब आइये संन्यास के अधिकार विषय पर ,

संन्यास आश्रम में प्रविष्ट वही शुद्ध  ब्राह्मण हो सकता है , जिसने सम्पूर्ण वेद वेदाङ्ग का अध्ययन कर के उनको ठीक से समझ लिया हो  और नित्य , नैमित्तिक, प्रायश्चित्त और उपासनात्मक वैदिक अनुष्ठानों  के विधिवत् परिपालन से  जिसका चित्त शुद्ध और एकाग्र  हो चुका हो !

इतना ही नहीं वरन् साधन चतुष्टय सम्पन्नता भी उसमें होनी चाहिये ।

साधन चतुष्टय कहते हैं,  नित्यानित्यवस्तुविवेक , इहामुत्रफलभोगविराग, शमदमादिषट्सम्पत्ति और मुमुक्षुत्व सम्पन्न होना ।

अभी संन्यास के नियम बताना आरम्भ करेंगे तो आपको देश के अनेक कथित प्रसिद्ध  संन्यासियों से ही  घृणा होने लग जायेगी । इसलिये मुख ना ही खुलवाऐं हमारा तो ही ठीक है ।

कदाचित् कभी सामने से  रवीश कुमार का मुख देखने पर तो आपको  सन्ध्या के समय  पवमान सूक्त का पाठ करना चाहिये ,  इतना पतित अशुभ है यह व्यक्तित्व !

।। जय श्री  राम ।।

No comments:

Post a Comment

पूजा आदि में सिर नहीं ढंका चाहिए

शास्त्र प्रमाण:- उष्णीषो कञ्चुकी चात्र मुक्तकेशी गलावृतः ।  प्रलपन् कम्पनश्चैव तत्कृतो निष्फलो जपः ॥ अर्थात् - पगड़ी पहनकर, कुर्ता पहनकर, नग...