#देव_श्री_खुडीज़ह्ळ_पूज़_निर्णय -
#प्रश्न : - यह पूज़ 21 दिनों में अथवा तीन मास में करनी है ?
#उत्तर : - देव व परम्परावित् ब्राह्मणों द्वारा सर्वमान्य मत -
इस देव की #पूज़ परम्परा अनुसार #तीन_महीने होगी |
☝ इस निर्णय में प्रमाण प्रथम तो यह कि स्वयं देव ने तीन मास के अनुष्ठान का आदेश किया है | और हमारे पूज्य प्रात: स्मरणीय पितामह द्वारा लिखित टांकरी भाषा के ग्रन्थ में इसका आद्योपान्त सर्वविध वर्णन उपलब्ध होता है | उसमें तीन मास में अनुष्ठान का विधान कहा है | अपि च आज से लगभग 50 बर्ष पूर्व ठीक यही पूज़ हुई थी | उसके द्रष्टा व कर्ता पूज्य ब्राह्मणों ने एक मत से इसका अनुमोदन किया है |
#दम्भ_पूर्ण_कथन - देवता व ब्राह्मणों को हमारी बात माननी पडेगी | जो हम चाहेंगें वो होगा |
#दम्भ_दमन - पूज़ कौन सी करनी है ? कैसे करनी है ? कब करनी है? यह देव व ब्राह्मणों से ज्ञेय है |
न तुम्हें इस यज्ञ के अंग का ही सटीक ज्ञान है और न परम्परा का, और न ही देवता के सार का ही पता है |
इन सब में देव व देव के सारज्ञ वेदज्ञ परम्परावित् ब्राह्मणों का निर्णय व आज्ञा मुख्य व प्रबल है , न कि शास्त्रानभिज्ञ परम्परा ज्ञान हीन देवसार से अपरिचित "अहं करोमीति" वृथाभिमान वाली प्रजा की मनमानी |👍
धार्मिक प्रजा को सश्रद्ध देव ब्राह्मणों के अनुगुण चलना चाहिए, न कि देव ब्राह्मणों को मूर्ख प्रजा के |
फिर इसके मुख्य भागग्राही यहां का देव, कुलपुरोहित, पाण्डा, खूनधारी आदि से देवालय संघ के पदाधिकारियों को चर्चा करनी चाहिए |
यदि फिर भी तुम अपने दम्भ को त्यागना न चाहो तो इसके अशुभ परिणाम जो सकल प्रजा पर होंगें उसके उत्तरदाई तुम स्वयं होगें |
#मनमाने_आचरण_से_न_ही_सिद्धि_न_सुख_न_परागति_ही_प्राप्त_होगी
#य: #शास्त्रविधिमुत्सृज्य_वर्तते_कामकारत:|
#न_च_सिद्धिमवाप्नोति_न_सुखं_न_परां_गति: ||
हर हर महादेव
जय श्री राम
No comments:
Post a Comment