लोक में जो #वेदिविवाह (कन्यादान विधि युक्त) प्रसिद्ध है वह केवल ब्राह्मण वर्ण को ही करना उचित हैं | क्षत्रिय आदि को नहीं | परिग्रह (दान लेने) के अनधिकारी होने से | 👍
#प्रश्न : - यदि ऐसा है तो क्षत्रिय वर्ण किस विधि विवाह करे ?
#उत्तर :- गांधर्व व राक्षस ये दो प्रकार के विवाह क्षत्रिय वर्ण के लिए प्रशस्त है | ब्राह्म, दैवादि विवाह नहीं |
#गांधर्वो_राक्षसश्चैव_क्षत्रियस्य_तु_शस्यते ||
__________शंखस्मृ. 4/3
👉 अत: कर्मकाण्ड कुशल विद्वान् ब्राह्मणों को इसका प्रवर्तन लोक में करना चाहिए |
हर हर महादेव
जय श्री राम|
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