Monday, 10 June 2019

स्त्रियों का व्यासासन पर बैठने का निषेध

स्त्रियों   का  व्यासासन में अनधिकार ----

जब महर्षि वेदव्यास की कोई स्त्री शिष्या ही न थी तो  ये व्यास पीठ पर कथा करने वालीं  कथावाचिकाओं की परम्परा कहॉ से आई?  महर्षि वेदव्यास की ऐसी साक्षात्  स्त्री शिष्या का नाम बताऐं, जिसने  भागवत अथवा अन्य किसी  पौराणिक  कथा का अनुष्ठान किया हो ?

गार्गी,मैत्रेयी  आदि  कोई  भी  स्त्री  इस तरह कथाऐं  नहीं बांचतीं थीं ,   वरन् सभी  प्राचीन विदुषी  स्त्रियॉ  या तो   धर्म के सन्दर्भ में  हमारे महान्   ऋषियों  से जिज्ञासा  करतीं थी  या फिर मर्यादापूर्वक अपना  मन्तव्य प्रकट करतीं थीं ।

  इसलिये    सनातन धर्म की  धज्जियॉ उड़ाने वालीं   कथावाचिकाओं को  प्राचीन महान् सनातनी विदुषियों का  पवित्र  नाम लेने का  बिल्कुल भी  नैतिक अधिकार नहीं है ।

इन  अनधिकृत   अराजक  कथावाचिकाओं के कारण   सनातन हिन्दू धर्म जगत्  धर्म से भ्रष्ट  हो रहा है और इनकी कथाओं में  जा जा कर इनका उत्साह वर्धन करने वाले  धर्माचार्य धर्म पर बोझ हैं ।

।। श्री राम जय राम जय जय राम  ।।

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