Wednesday, 1 May 2019

उत्तम पति पाने की विधि

गोपियों ने   श्रीकृष्ण  की प्राप्ति हेतु  विशेष रूप  से श्री कात्यायनी स्वरूपा  भगवती  पार्वती  जी  के     उपासना  की थी  -

#हेमन्ते_प्रथमे_मासि_नन्दव्रजकमारिकाः  |
#चेरुर्हविष्यं_भुञ्जानाः_कात्यायन्यर्चनव्रतम् || (श्रीमद्भागवतमहापुराण १०|२२|०१)

  हे  महामाया कात्यायनि !   हे महायोगिन्यधीश्वरि ! हे  देवि !    नन्दगोप के पुत्र  श्री कृष्ण  को  हमारा पति बना दीजिये ! हम  आपको बारम्बार नमन करती हैं   -  इस प्रकार उपासना करती हुईं   वे गोपियाँ  #कात्यायनि_महामाये_महायोगिन्यधीश्वरि  | #नन्दगोपसुतं_देवि_पतिं_मे_कुरु_ते_नमः  ||  का ही मन्त्र जाप करतीं हुईं   देवी भगवती को प्रसन्न करने  हेतु व्रत को सम्पादित कीं !   इन  महामाया भगवती भाद्रकालिका जी की कृपा से   उनको  स्वयं महायोगेश्वर  श्री कृष्ण  पति के रूप में प्राप्त भये ! 

जीव के  दो प्रकार के सम्बन्ध होते हैं -
१-अविद्या सम्बन्ध
२- विद्या सम्बन्ध

अविद्या सम्बन्ध से गोपजन  ही गोपियों के पति  थे किन्तु विद्या सम्बन्ध से केवल  योग्योगेश्वर , चिन्मय - पुरुषोत्तम श्री कृष्ण ही गोपियों के   पति  थे |
विद्या सम्बन्ध ही वस्तुतः  जीव का  सच्चा  सम्बन्ध होता है, अविद्या सम्बन्ध नहीं |

||  जय श्री राम ||

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