Monday, 25 March 2019

जन्म से ही ब्राह्मण क्यों होता है ?

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जन्म से ही क्यों होते हैं ब्राह्मण,  कर्म से क्यों नहीं हो  सकते ?

#उत्तर - जो जन्म से ब्राह्मण होते हैं , वे कर्म से ही ब्राह्मण हुए होते हैं । किन्तु कर्म का सिद्धान्त  न जानने से तथाकथित बुद्धिजीवी    लोग भ्रमित हो गये हैं ।

देखो ऐसे समझो -

हम जो भी पाप या पुण्य कर्म करते हैं , वे कर्म एक बीज की भॉति होता है ।

वो बीज  समय के गर्भ में संचित हो जाता है और फिर   हमें ही फल बनकर मिलता है।

ये है प्रकृति का नियम ।
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जो कर्म हम अभी वर्तमान् काल में  कर रहे हैं , उसे कहते हैं क्रियमाण कर्म ।   

और कर्म के फल को ही कहते हैं प्रारब्ध या भाग्य ।

क्रियमाण ---->( संचित )----->प्रारब्ध(फल) /भाग्य ।

बीज ------------------------------------> फल

जो कर्म आज हम कर रहे हैं, उसका फल आने वाले  कल में हमें मिलेगा ।  और वो फल  ईश्वर ही हमें देता है ।

कर्म का फल तीन रूप में मिलता है -

जाति , आयु और भोग ।।

इसीलिये   ब्राह्मण  जन्म से ही होते हैं ।

चार वर्ण भगवान् ने बनाये हैं - अर्थात्  जीव को  जाति रूपी  कर्मफल भगवान् ने ही दिये हैं ।

।। जय श्री राम  ।।

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