प्रश्न - क्या बालक को दोष नहीं लगता ?
उत्तर - बालक को आधादोष हैॆ --->>
उसका प्रायश्चित्त पिता आदि करे|
५वर्ष तक के बालक को दोष नहीं|
यदि बालक को दोष नही लगता समजा जाए तो उपनीत कुमार ब्रह्मचर्यधर्मों को न आचरने में अविकीर्णी प्रायश्चित्तादि कौन करेगा ? स्वयं ब्रह्मचारी ही करेगा
शिशु को अभ्युक्षण, बालक को आचमन, कुमार आदि को स्नान आदि नियम अश्पृश्यास्पर्श मेॆ दोषपरिहार तो लगते ही हैं|
क्या बालक को अशुचित्व मेॆ रखने से बालग्रहादिजन्य पिडा नहीं होती?
जिसका उपनयम हो उस कुमार को द्विजधर्म ब्रह्मचारी धर्म , अभक्ष्यादि निषेध, अक्रियाकोटि कर्म, नित्यकर्म न करने के दोष नहीं लगेगे ?
उसे तो उपनेता-आचार्य ही द्विजधर्म बताते हैं
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