प्रिय मित्रों !
दूसरा जन्म वैसे ही होता है , जैसे ये जन्म हुआ है । दूसरा जन्म कैसा होगा, लोग सोचते हैं । ऐसा ही होगा जैसा अभी लग रहा है आपको कि हम जन्मे हैं ।
इस जन्म का होना ही प्रमाण है कि आपका जन्म होता है ।
आप की मृत्यु होना ही इस बात का प्रमाण है कि आप मरते भी हो !
आप जन्म भी लेते हो , आप मरते भी हो !
कभी खेतों में जा के देखा करो ध्यान से ;
बीज फलित हो के धान बनता है , धान पक के बीज - ये ही प्रकृति है ।
इतनी सी बात भी अनुभूत हो जायेगी आपको तो धर्म की गम्भीरता अनुभव होगी ।
।। जय श्री राम ।।
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