Saturday, 22 December 2018

पत्नी कैसी हो

अपने ही पति से  जिसे  निजी अहंकार समस्या (इगो प्रॉब्लम)  हो , उसे भ्रष्ट स्त्री समझना चाहिये  ।

मन्दोदरी जी का नाम हमारी संस्कृति में स्मरण किया जाता है ,  उनको  कभी रावण से  निजी अहंकार समस्या न हुई ।

///पत्नी को सीता होने की बात तब कहिये जब पति  राम हो ,  ///

-  ये इन्हीं भ्रष्ट  स्त्रियों और इन जैसे ही अन्य  मूर्खों का कुतर्क है । क्योंकि पति राम हो, ये तो अच्छी ही बात है , पर कदाचित्  न भी  हो , तब भी  पत्नी  को  मन्दोदरी अवश्य होनी चाहिये ।  ये है वैदिक संस्कृति ।

#अनृतं_साहसं_माया_मूर्खत्वमतिलोभिता।
#अशौचत्वं_निर्दयत्वं_स्त्रीणां_दोषाः_स्वभावजा:।।

स्त्री पुरुष के समानाधिकार की बातें करने वाले आजकल के  छद्म  लम्पटों को  ये अन्याय लगेगा , पर   प्राणियों के जन्मादि के मूल में  कर्मफल के सिद्धान्तों को जानने वाले , सांख्यादि विज्ञानपरक शास्त्रों के पारगामी  मनीषियों की दृष्टि में   यही न्याय संगत  तथ्य  है । 

और हॉ !
इस सिद्धान्त का ये   अभिप्राय बिल्कुल भी नहीं है कि स्त्रियों  के दमन की मानसिकता को बढ़ावा दिया गया है , नहीं ;  वरन् अभिप्राय ये है कि  स्त्रियों  से    पुरुषों के सापेक्ष  आशा  और  अपेक्षा  अधिक है ।  स्त्रियों के प्रति इससे अधिक बढ़प्पन और किस संस्कृति में मिलेगा भला ?

।। जय श्री राम ।।

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