पितृदोष और प्रेतबाधाओं से बचना चाहिये ।
यदि स्वप्न में आपको अपने पितर मलिन वेष में दिखें, किसी का अन्न छीनते हुए दिखें, गाय, बौल, घोड़े या पक्षी की भाषा में बोलते दिखें, तो समझ लो कि आपके पितर पिशाचयोनि में हैं ।
यदि स्वप्न में आपको अपने ही जीवित भाई, पुत्र, पुत्री आदि सम्बन्धी मृत दिखाई दें, तो ऐसा प्रेतबाधा के कारण होता है ।
यदि ऐसी कोई स्थितियॉ जीवन में बन रही हों तो , प्रामाणिक, परम्परागत गुरुजनों ( कुलीन, विद्वान् ब्राह्मण कुलगुरुओं) की शरण में आकर सन्मार्ग लाभ करना चाहिए ।
जब परिवार के किसी पूर्वज की मृत्यु के पश्चात् उनका भली प्रकार से अंतिम संस्कार संपन्न ना किया जाए, या जीवित अवस्था में उनकी कोई इच्छा अधूरी रह गई हो तो उनकी आत्मा अपने घर और आगामी पीढ़ी के लोगों के बीच ही भटकती रहती है।
मृत पूर्वजों आदि की अतृप्त आत्माऐं परिवार के लोगों के जीवन में तरह तरह की विसंगतियों के जन्म की कारण बनती हैं ।
।। जय श्री राम ।।
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