वैसे हम आज के (मैक्स मूलर)लिखित इतिहास को नहीं मानते,पर आज विद्वान वही माना जाता है जो वामी इतिहास में बहस करे!
चलो इसमें भी हम तुम्हें बताते हैं----->
ईसा पूर्व के ५वीं शती में धनानंद(नंदवंश)अर्थात अहीर,ग्वाल,यादवों का राज्य था!
तब भी ये वामी दलित और अनपढ़ रह गए!
फिर चन्द्रगुप्त मौर्य का शाषन काल आया,अशोक जैसा न्यायप्रिय मौर्य ओर बौद्धकाल आया,तब भी ये दलित और अशिक्षित रह गए!
फिर गुप्तकाल आया,फिर मुगल काल आया,फिर डच ,पुर्तगाली,ओर ब्रिटिश शाषन आया फिर भी ये
दलित और अशिक्षित ही रह गए!
तो इसमें ब्राह्मण का क्या दोष है,शाषन भी आपका था,
राजा भी आप थे,फिर भी दलित ही रह गए???
ब्राह्मण का शाषन कब था??
ब्राह्मण तो सदा निर्बल ओर धनहीन ही था!
शायद इसी सज्जनता का लाभ लेकर आप विधर्मियों को न कुछ कहकर ,अपने बन्धु को ही गाली ऒर विरोध कर रहे हैं!
विचार करें----
#ततो_नृपा_भविष्यन्ति_शूद्र_प्रायास्त्वधार्मिका:!
#स_एकच्छत्रां_पृथिवी_मनुल्लङ्घितशाषन:!!
हमने तो युग धर्मानुसार तुम्हें सम्राट भी बनाया फिर भी तुम दलित और अनपढ़ रह गए तो हमारा क्या दोष है??
!!नमः शम्भवाय!!
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