हमारा कहा न सुनने वाले ज्ञानचोर ध्यान दें -
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यह पृष्ठ अधिकारियों के ही सापेक्ष प्रदत्त सन्देश है , अनधिकारियों के लिये नहीं ।
जो यहॉ पृष्ठ से ज्ञान चोर के ले जा रहे हैं, कि आज इतना ले लिया , आगे इतना ले लूंगा (इदमद्य मया लब्धमिमं प्राप्स्ये मनोरथम्),
वे ध्यान दें कि वे यहॉ से अपनी पीठ पर पाप ही ढो कर ले जा रहे हैं क्योंकि हमारा हरेक कार्य एक विशेष आराधना है (यद्यत्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तवाराधनम् ) ।।
ये जो ज्ञान हमारे माध्यम से ले गये हो , वो तुम्हें विनाश की ओर ही ले जायेगा । तर्क-प्रमाणात्मक ज्ञान शुद्ध होता हुआ भी अन्ततः भ्रमवर्धन व आत्मपतन का ही हेतु सिद्ध हो जायेगा ।
एकाक्षरं प्रदातारं यो गुरुं नाभिवन्दते ।
श्वानयोनिशतं भुक्त्वा चाण्डालेष्वभिजायते ।।
इसलिये हमारे साथ धर्म प्रचार में आगे आओ! कट्टर स्मार्त्त परम्परा के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निभाओ !
।। जय श्री राम ।।
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