Friday, 4 May 2018

ढोल गंवार का अर्थ

ढोल गंवार ० चौपाई पर अज्ञानी अर्थविकृतिकारों  का भ्रमोच्छेदन -

#संरक्षक_का_महत्त्व -

संरक्षक को ही अनुशासित करने का अधिकार होता है । ☝️
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ढोल ,  गंवार,  शूद्र , पशु और नारी - 

ये पॉचों  व्यक्तित्व उन   अपने - अपने  सेव्य  अधिकृत विद्वान्    के द्वारा    सही अनुशासन में रखने   के योग्य  होते हैं ,   जिनसे संरक्षित ये होते हैं  ।

#ताड़ना =   अनुशासन में रखना / प्रताड़ित करना /डॉटना / दंडित करना/ शासित करना आदि अनेक अभिप्राय हैं  ।।

#ढोल को  कितना कसना है कितना ढीला रखना है - ये  काम  ढोल के  संरक्षक विद्वान् ढोलकिया  का है  ।

#गंवार को कैसे समझाना है -  ये काम सभ्यता को जानने वाले एक सभ्यता के संरक्षक  विद्वान् का है!

#शूद्र  से  कैसे  उसका धर्म पालन   करवाना है -  ये काम उसके सेव्य व  संरक्षक एक धर्मज्ञ   द्विज  का है  ।

#पशु को कहॉ  कैसे  चराना है - ये काम   उस पशुके संरक्षक  चरवाहे का है !

#नारी को कैसे नियन्त्रण में रखना है-  ये काम उसके  संरक्षक  पति का है ।

।। जय श्री राम ।।

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