Tuesday, 3 April 2018

वेदस्य वेदता

श्रीभगवान् वेद के सम्मुख  अपने अनुमान को रखें पीछे ----------->

धर्म  वेद  से  निकला  है, अतः क्या धर्म है ,  ये श्री भगवान्   #वेद  बताएँगे, उन्हीं  से  उसे   समझना  होगा  ,   न कि अपने अनुमान से |

.................... आपका अनुमान  वेद  के वचन   का बाध नहीं कर सकता ,  क्योंकि वेद #स्वतःप्रमाण है |

वेद प्रमाण   के  सम्मुख आपकी  आँखों  देखी  भी  नहीं  चलेगी  , क्योंकि   वेद  #अपौरुषेय  है  और  पुरुष के    प्रत्यक्ष  प्रमाण  में  अपौरुषेय   वेद  का  बाध  करने  की  क्षमता  नहीं  है  |


प्रत्यक्षेणानुमित्या  वा  यस्तूपायो न  बुध्यते  |
एनं विदन्ति  वेदेन  तस्माद्वेदस्य   वेदता  || (-श्रीसायणाचार्य, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका)

||  जय श्री राम ||

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