#ब्राह्मण और #गौ एक ही कुल के दो भाग हैं ।
ब्राह्मणों के हृदय में तो वेदमन्त्र निवास करते हैं और गौओं के हृदय में हवि रहती है ।
गौओं (गायों) से ही यज्ञ प्रवृत्त होता है और गायों में ही सभी देवगण प्रतिष्ठित हैं ।
गायों में छः अंगों सहित सम्पूर्ण वेद समाहित हैं।
ब्राह्मणाश्चैव गावश्च कुलमेकं द्विधा कृतम् ।।
एकत्र मन्त्रास्तिष्ठन्ति हविरन्यत्र तिष्ठति ।।
गोषु यज्ञाः प्रवर्तन्ते गोषु देवाः प्रतिष्ठिताः।।
गोषु वेदास्समुत्कीर्णास्सषडङ्गपदक्रमाः ।।
।। जय श्री राम ।।
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