चौरासी लाख योनि का गणनानुक्रम
पद्मपुराण में इस प्रकार प्राप्त होता है:-
जलज नवलक्षाणी, स्थावर लक्षविंशति कृमयो: रुद्रसंख्यकः पक्षिणाम् दशलक्षणं त्रिंशलक्षाणी पशवः चतुरलक्षाणी मानव - पद्मपुराण 78/5
अर्थात्:--
पृथ्वी पर 9 लाख जलचर जीव,
20 लाख स्थिर (स्थावर) पेड़ पौधे, वनस्पति आदि,
11 लाख सरिसृप, कीड़े मकोड़े, कीट (क्षुद्रजीव),
10 लाख नभचर पक्षी,
30 लाख थलचर जंगली पशु,
4 लाख मानवीय नस्ल है।
इस प्रकार 9+20+11+10+30+4= 84
लाख योनियाँ होती है।
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