Saturday, 20 January 2018

84 लाख योनिया

चौरासी लाख योनि का गणनानुक्रम
पद्मपुराण में इस प्रकार प्राप्त होता है:-

जलज नवलक्षाणी, स्थावर लक्षविंशति कृमयो: रुद्रसंख्यकः पक्षिणाम् दशलक्षणं त्रिंशलक्षाणी पशवः चतुरलक्षाणी मानव - पद्मपुराण 78/5

अर्थात्:--

पृथ्वी पर 9 लाख जलचर जीव,

20 लाख स्थिर (स्थावर) पेड़ पौधे, वनस्पति आदि,

11 लाख सरिसृप, कीड़े मकोड़े, कीट (क्षुद्रजीव),

10 लाख नभचर पक्षी,
30 लाख थलचर जंगली पशु,

4 लाख मानवीय नस्ल है।

इस प्रकार 9+20+11+10+30+4= 84
      लाख योनियाँ होती है।

No comments:

Post a Comment

पूजा आदि में सिर नहीं ढंका चाहिए

शास्त्र प्रमाण:- उष्णीषो कञ्चुकी चात्र मुक्तकेशी गलावृतः ।  प्रलपन् कम्पनश्चैव तत्कृतो निष्फलो जपः ॥ अर्थात् - पगड़ी पहनकर, कुर्ता पहनकर, नग...