Wednesday, 8 November 2017

केवलाद्वैत(#अद्वैत) #सिद्धान्त_की_सर्वश्रेष्ठता -


#भ्रान्ति  - चारों वैष्णवाचार्य श्री आद्य शंकराचार्य  के अद्वैत सिद्धान्त का एक साथ मिलकर   खण्डन करते हैं , अतः  विरोधियोंं के संख्याबल  के प्राचुर्य  से ये सिद्ध है कि   श्री आद्य शंकराचार्य  का सिद्धान्त सर्वश्रेष्ठ नहीं है ।

#उन्मूलन - जो चारों वैष्णवाचार्य श्री आद्य शंकराचार्य  के सिद्धान्त का खण्डन  करने में प्रवृत्त होते  हैं , वे चारों पहले ही  परस्पर एक - दूसरे के सिद्धान्त से  स्वयं खण्डित हो जाते हैं । 

जो सिद्धान्त  स्वयं ही परस्पर  विखण्डित  हों , वे भला परस्पर मिलकर   श्री आद्य शंकराचार्य का किस बल से खण्डन करेंगे ?

श्री आद्य शंकराचार्य का अद्वैत सिद्धान्त  वेदों का अभेद्य  सिद्धान्त है । इस पर  केवल अनुचित आरोप ही होते हैं , खण्डन नहीं होता इसका । ये समस्त वेदों का सार- सिद्धान्त है ।

।। जय श्री  राम ।।

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