Monday, 30 October 2017

आहार की वैज्ञानिकता

आप जब एक दाना चावल का खाते हो तो पता है   धरती आपसे क्या कहती है ,

धरती कहती है , मैं तो माता हूं ,  मैंने तो प्राणीमात्र के लिये ये दाना उगाया था , क्योंकि  मेरे तो सभी बच्चे हैं ,   तू अकेला ही ये खा गया ?

धरती ने हमारा नाम तो लिखा नहीं था न दाने पर कि तू ही खाना इसे  !

यही है #पाप ।  [केवलाघो_भवति_केवलादी]

(चौर्यप्रवृत्ति का उदय यहीं से हुआ है ।)

हम कितने #धार्मिक हैं , विचार कीजिये । 

।।  जय श्री  राम ।।

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