Sunday, 3 September 2017

खुडीज़हळ को वरुणदेव कहने बालों का भ्रमभंग :--

पूर्वपक्ष :- षड्गढ़पति श्री #खुडीजल वरुण देवता है क्योंकि खुडीजल इसमें #जल पद से यह स्पष्ट बोध हो रहा है।
और हमारी परम्परा रही है कि देश में दुर्भिक्ष पडने पर  तथा अतिवृष्टि, ओलावृष्टि आदि होने पर  प्रार्थना व यथाविधि पूजा करने पर वृष्टि करते है व अतिवृष्टि आदि दोषों को दूर करने बाले यही देव छहों गढ़ो में प्रथित है।
    अत: श्री खुडीजल वरुण देवता सिद्ध होतें है।👍

उत्तरपक्ष :- ऐसा कहना उचित नहीं। क्योंकि इस देव का खुडीजल ऐसा नाम क्षेत्रीय भाषा में है और हमारी क्षेत्रीय भाषा में #जल पद के लिए #पाणी इस शब्द का व्यवहार है। अत: जल शब्द से पाणी बाला अर्थ ग्रहण नहीं किया जा सकता। और खुडीजल पद अशुद्ध है। ऐसा कहना व लिखना भी अशुद्ध ही है। वस्तुत: #खुडीज़हळ यही शुद्ध है। 👍

आप देखना कभी अनजाने में या संकटकाल में जब व्याकुल होते हो तो भाव वश खुडीज़हळा!!! ऐसा उच्चारण स्वत: होता है।

और दुर्भिक्ष आदि प्रसंग में यही जानना चाहिए कि इस देव के एक नहीं अनेक ऐसे #चाकर है जो वृष्टि ,सुखादि नाना लौकिक सुखों को अपने भक्तों की अत्यन्त प्रार्थना पर कृपा कर दे देतें है।

👍 आप अपने विचार इस विषय में निर्भय हो रख सकतें है।

#अभिप्सितार्थप्रदो_नित्यं_प्रणतानाञ्च_देहिनाम्।
#खोला_नागादिवन्द्यं_तं_सोस्रां_खुडीजह्ळ्महं_श्रये।।

षड्गढ़पति की जय हो!

जय श्री राम।।

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