#श्री_आद्य_शंकराचार्य_सन्देश=->
#कट्टर_ब्राह्मणत्व और #कट्टर_शास्त्राश्रय - ये दो सनातन वैदिक धर्म की प्रचण्ड शक्ति हैं ।
ब्राह्मण का कर्तव्य है कि वह कट्टर शास्त्राश्रयरूप कोदण्ड (धनुष) पर कट्टर ब्राह्मणत्व का तीक्ष्ण बाण समाश्रित कर असुरता का मर्मभेदन कर दे ।
देव भावनाओं से भरे ब्राह्मण का आत्म-बल ही धनुष है। उसकी वाणी प्रत्यंचा है। उसका तप बाण है। इस अचूक ब्रह्मास्त्र से सुसज्जित ब्रह्मवेत्ता असुरता को बेध कर रख देता है-
#जिह्वाज्या_भवति_कुल्मलं_वाँ_नाडीका #दन्तास्पतसाभिदिग्धाः_तेभिर्ब्रह्माविध्यति
#देवपीयून्हृदयबलैर्धनुर्भिर्देवजूतैः।
(अथर्ववेद ५/१८/०८)
।। जय श्री राम ।।
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