सिद्धान्त हमने कह दिया है। इसके उपरान्त भी आपको सन्देह है , अतः आप इस विषय पर विचार करें -
अघ्न्या इति गवां नाम क एता हन्तुमर्हति ।
महच्चकाराकुशलं वृषं गां वाssलभेत् तु यः ।।
गौओं को अघ्न्या (अवध्य) वेद में कहा गया है,फिर कौन उन्हें मारने का विचार करेगा? जो पुरुष गाय और बैलों को मारता है, वह महान पाप करता है।
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