प्रश्न : - ब्रह्मचर्याश्रम से सीधा सन्यास आश्रम प्रवेश के विषय में किस ग्रंथ को देखना चाहिए ?
एक समूहमे जगद्गुरु पर प्रश्न उठाया जा रहा है ।
उत्तर : - जाबालोपनिषत् (यजुर्वेद)
प्रश्न : - मनुस्मृति में इसके विरुद्ध श्लोक है ।
ऋणानि त्रीण्यपाकृत्य (35-6) इसके बल पर ।
उत्तर : - विधि विकल्प का बाध नहीं करती ।
आत्मन्येव च सन्तुष्टः , तस्य कार्यं न विद्यते ।। गीता ३।१७
नैव तस्य कृतेनार्थः , नाकृतेनेह कश्चन ।
न चास्य सर्वभूतेषु , कश्चिद् अर्थव्यपाश्रयः ।।
रेलवे का टिकट काटकर दिल्ली से मुम्बई जाये । ये सरकारी नियम हवाई जहाज से दिल्ली से मुम्बई जाने वालों का बाधक नही ।क्योंकि जिस सरकार ने रेलवे की व्यवस्था की है, उसी ने हवाई सेवा भी उपलब्ध कराई है ।
ऋणमोचनकर्तारः पितुः सन्ति सुतादयः।
बन्धमोचनकर्ता तु स्वस्मादन्यो न कश्चन ।।
जय श्री राम
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