Saturday, 3 March 2018

ब्राह्मणादि कोई किसी से नफरत नहीं करता

#पाठक_प्रश्न- ब्राह्मण शूद्र को अपमानित क्यों करते हैं? मैने कभी किसी शूद्र को जाति के नाम पर किसी ब्राह्मण को अपमानित करते हुए नहीं देखा । 

उत्तर- ये सब वैमनस्यतापूर्ण वातावरण   का प्रधान  कारण देश की फूट डालो और राज करो ( डिवाइड एण्ड रूल )  वाली कुटिल राजनीति है ।   विदेशी/विधर्मी षडयन्त्र  इस सब के मूल में है ।

ऐसा नहीं है कि    केवल कुछेक  ब्राह्मण ही शूद्र का अपमान करते हैं , अपितु कुछेक शूद्र भी हैं जो ब्राह्मण का अपमान करते हैं , ये सब शिक्षानीति में   जानबूझ कर लाये गये  सांकर्य के कारण स्थिति उपजी है, ये सब अंग्रेजों के आने से पूर्व देश में नहीं थी । नेपाल में तो आजतक भी नहीं है , क्योंकि अंग्रेज वहॉ नहीं पहुंच पाये । हिन्दूराष्ट्र  नेपाल के विदेशी षडयन्त्रपूर्ण राजपरिवार की हत्या के साथ कुछ वर्ष पूर्व चीन  का माओवाद के आने पर कुछ दिन कुछेक स्थलों पर  चला था , पर विशेष   प्रभावी न रहा ।    इसीलिये कारण कईं बार तो वक्ता का  अपने धर्म को न जानना होता है , कईं बार सामने वाले के किये पूर्व  अपमान का बदला होता है  और कईं बार ये एक स्वार्थपूर्ण विज्ञापन मात्र होता है कि  अमुक ब्राह्मण  ने अमुक शूद्र का अपमान किया ।

जिस प्रकार देश के संविधान में अपराध करने की मनाही है , और अपराध करने वाले के लिये सजा का भी प्रावधान है । फिर भी समाज में  उच्छृंखल प्रवृत्ति के लोगों द्वारा     अपराध तो होता ही है ।

इसी प्रकार शास्त्र में ब्राह्मण व शूद्र का प्रेमभाव व एक दूसरे की ईश्वरोपदिष्ट  परम्परा के सम्मान  का वर्णन है , (सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति ) फिर भी कोई नास्तिक मानसिकता का व्यक्ति शास्त्र के विधान को तोड़ता है तो ये दोष तो उसका व्यक्तिगत है !

।। जय श्री राम  ।।

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