अधिकार किसको हैं ? अथर्व - १९/७१/०१ -- > #स्तुता_मया_वरदा_वेदमाता !
#प्रचोदयन्तां_पावमानी_द्विजानाम् ||
"द्विजानाम्" शब्द से जिनका उपनयन हुआ हो वह ब्रा०क्ष० और वैश्य के ही उपनयन होतें हैं "शूद्र" तो केवल एक-जाति हैं वह द्विज नहीं.. आज वर्तमान में ब्राह्मणों के ही समयपर जनेऊ-संस्कार नहीं होतें तो भला अन्येतरों तो बहुधा अनुपनीतों ही होतें हैं... इस तरह सभी अनुपनीतों को वेदाधिकार नहीं हैं --- " निगम कल्पतरोर्गलित - भागवत"--- "स्त्री शूद्र द्विजबन्धूनां त्रयी न श्रुतिगोचराः || (द्विजबन्धु = ब्रा०+शूद्रा का पुत्र, क्षत्रिय +शूद्रा का पुत्र, वैश्य +शूद्रा का पुत्र) को भी अधिकार नहीं..
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